I P L का बहिष्कार
BCCI क्लब है तो IPL गली
BCCI क्लब है तो IPL गली
आप यहाँ हैं ?? या --
पीयल झूमूँ रात दिन, फुर फुर-सतिया लाल ।
अजगर करे न चाकरी, केवल करे बवाल ।
केवल करे बवाल, लगा किरकेट का चस्का ।
बैठो विकसित देश, नहीं यह तेरे बस का ।
काम काज सब छोड़, मस्त आई पी एल घूमूं ।
नाचे साठ करोड़, साथ मैं पीयल झूमूँ ।।
यहाँ हैं ??
मंत्री मस्का मारता, बोर्ड भरे ना टैक्स ।
सबको चस्का है लगा, भारत खूब रिलैक्स ।
भारत खूब रिलैक्स, अरब से अरब वसूले ।
सट्टा बाजी मस्त, ब्रांड सत्ता भी फूले ।
करता ना कल्याण, डुबाता सकल घरेलू ।
आई पी एल का खेल, यार रविकर क्यूँ झेलूं ।।
तब और अब ...कविता , कवि और नायक / महानायक की इच्छा.......डा श्याम गुप्त..
दन्त हीन जब हो गया, ख्वाहिश गन्ना खाय ।
जब तक नाडी दम रहे, तब तक नहीं बुझाय ।
तब तक नहीं बुझाय, कैरियर खूब बनाया ।
लम्बी रेखा खीँच, जया-विजया तब पाया ।
बड़ी प्रीमियर लीग, नहीं घाटे का सौदा ।
पिटे ना कोई फिल्म , बनाने चला घरौंदा ।।
सार्थक सृजन, आभार.
ReplyDeleteसबको लिया लपेट.......गज़ब !
ReplyDeleteकहे रमण ये खेल,चाल है,आईपीएल का
ReplyDeleteदो महीने तो हटे,ध्यान मुद्दे से सबका!
nice poem
ReplyDeletehope this time IPL BCCI will pay taxes to everyone.
बहुत बढ़िया रचना
ReplyDeleteआप को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ,एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से सभी को भगवन महावीर जयंती, भगवन हनुमान जयंती और गुड फ्राइडे के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं ॥
ReplyDeleteआपका
सवाई सिंह{आगरा }
वाह जी! क्या बात है!!!
ReplyDeleteइसे भी देखें-
‘घर का न घाट का’
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