कार्टून तो आप हैं जिन्हें कार्टून समझने की बुद्धि ही नहीं...
ZEAL - 3 minutes ago
कार्टून में हैं रखे, नोट वोट के थाक |
जर-जमीन लाकर पड़े, है जमीर पर लाक |
जर-जमीन लाकर पड़े, है जमीर पर लाक |
है जमीर पर लाक , नाक हर जगह घुसेंड़ें |
बड़े बड़े चालाक, चलें लेकिन बन भेड़ें |
रविकर रक्षक कौन, जहर जब भरा खून में |
कार्टून नासमझ, भिड़े इक कार्टून में ||
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteरविकर रक्षक कौन, जहर जब भरा खून में |
Deleteकार्टून नासमझ, भिड़े इक कार्टून में ||
रविकर रक्षक कौन, जहर जब भरा खून में |
कार्टून नासमझ, भिड़े इक कार्टून में ||
यह व्यवस्था ही है काग भगोड़ी कार्टूनी रिमोट चालित
अब लिखने-बोलने पर ही नहीं चित्र बनाने पर भी पाबंदी होगी !
ReplyDeleteकार्टून तो अब समझने की बुद्धि मुझमें भी नहीं है, लेकिन आपकी कविता समझ लेता हूं। कारण है, कार्टून फन उठाकर डंस लेते हैं, आपकी कविता कुंडली मारकर बैठ जाती है।
ReplyDeleteविकर रक्षक कौन, जहर जब भरा खून में |
ReplyDeleteकार्टून नासमझ, भिड़े इक कार्टून में ||
vaah bahut khoob.
vaah bahut khoob
ReplyDeleteबढ़िया प्रस्तुति के लिए बधाई
ReplyDeleteचाबुक मारें "भीम" को,देखो "चाचा" आज
ReplyDelete"बाबा" की सत्ता गई,परनाती का राज
वाह क्या बात है...बहुत सुन्दर प्रस्तुति
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