Ved Quran: जब आरएसएस के पूर्व प्रमुख के. सी. सुदर्शन जी ईद की नमाज़ अदा करने के लिए चल दिए मस्जिद की ओर Tajul Masajid
Dr. Ayaz Ahmad
परम पूज्य हैं सुदर्शन, हम अनुयायी एक ।
उनके बौद्धिक सुन बढ़े, आडम्बर सब फेंक ।
आडम्बर सब फेंक, निराली सोच रखें वे ।
सबका ईश्वर एक, वही जग-नैया खेवे ।
मूर्ति पूज न पूज, पूजते पत्थर पुस्तक ।
पद्धति बनी अनेक, पहुँचिये जैसे रब तक ।।
कहीं सुदर्शन इतना न भूल जायें!
हुवे भुलक्कड़ सुदर्शन, पागल भी हो जाँय ।
धरापुत्र का ध्यान नित, हमलावर बिलगाय ।
हमलावर बिलगाय, पूर्वज कौन भूलता ?
है नमाज स्वीकार, खुदा तो एक मूलत : ।
मस्जिद दे बनवाय, बाबरी में पर लक्कड़ ।
बने मस्जिद-ए-राम, कहेंगे यही भुलक्कड़ ।।
हा हा .. जबरदस्त ... मज़ा आ गया ...
ReplyDeleteकांकड पाथर जोरी के मस्जिद एक बनाए..,
ReplyDeleteता चढ़ मुल्ला बांग दे बहिरे हुवे खुदाय.....
----- || कबीर || -----
nice poem
ReplyDeletelol
राम रहीम में भेद ही क्या है ,
ReplyDeleteदर्शन सुंदर वही,जोड़ जो रखे सबको
ReplyDeleteबने देश अभिराम,राम आएं दर्शन को
बहुत सुंदर आनंद आ गया ।
ReplyDeleteखुदा कहो भगवान कहो सब एक ही है ।
यह जान लें हम सब कि रब एक ही है ।