गिरते कन्या भ्रूण, पड़े अब खूब दिखाई । बने नहीं पर न्यूज, लाख मारे मँहगाई ।।
भूर्ण हत्या का पाप आज का आधुनिक मानव यंत्रवत करता जा रहा है ,ओ चाहे कामेच्छा की पूर्ति के लिए हो या फिर पुत्रेछा के लिए ,जीव हत्या तो आधुनिकता का पर्याय बबनती जा रही है ,नैतिकता के देकेदार भी इस सत्य से मुह चुराते हुए दिखाते है ,बहुत ही समाचीन प्रश्न सादगी के साथ ,धन्यवाद
बढ़िया प्रस्तुति है न्यूज़ भाई साहब पैसे देके लगवाई जाती है .
ReplyDeleteram ram bhai
बुधवार, 12 सितम्बर 2012
देश की तो अवधारणा ही खत्म कर दी है इस सरकार ने .
महंगाई नही मारती बडे धनवानों को
ReplyDeleteवह तो मारे कम-धन और किसानों को
और मारती है वह मिडिल क्लास को भी
नही मारती है वह पर नेताओं को ।
Sundar bhaav!
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ReplyDeleteगिरते कन्या भ्रूण, पड़े अब खूब दिखाई ।
बने नहीं पर न्यूज, लाख मारे मँहगाई ।।
भूर्ण हत्या का पाप आज का आधुनिक मानव यंत्रवत करता जा रहा है ,ओ चाहे कामेच्छा की पूर्ति के लिए हो या फिर पुत्रेछा के लिए ,जीव हत्या तो आधुनिकता का पर्याय बबनती जा रही है ,नैतिकता के देकेदार भी इस सत्य से मुह चुराते हुए दिखाते है ,बहुत ही समाचीन प्रश्न सादगी के साथ ,धन्यवाद