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है पच्चास करोड़ का, मानहानि का केस ।
पॉलिटिकल यह शोहदे, पंहुचाते हैं ठेस ।
पंहुचाते हैं ठेस, बने दिग्गी आमोदी ।
जरा नहीं केजरी, बिचारी एक्ट्रेस रो दी।
एक्टिंग की उस्ताद, नहीं क्या यहाँ होड़ की ?
गर्ल फ्रेंड की बात, वही पच्चास करोड़ की ।।
हुक्का-हाकिम हुक्म दे, नहीं पटाखा फोर ।
इस कुटीर उद्योग का, रख बारूद बटोर ।
रख बारूद बटोर, इन्हीं से बम्ब बनाना ।
एक शाम इक साथ, प्रदूषण क्यूँ फैलाना ?
मारे कीट-विषाणु, तीर नहिं रविकर तुक्का ।
ताश बैठ के खेल, खींच के दो कश हुक्का ।
दूर पटाखे से रहो, कहते हैं बैमान ।
जनरेटर ए सी चले, कर गुडनाइट ऑन ।
कर गुडनाइट ऑन, ताश की गड्डी फेंटे ।
किन्तु एकश: आय, नहीं विष-वर्षा मेंटे ।
गर गंधक तेज़ाब, नहीं सह पाती आँखे ।
रविकर अन्दर बैठ, फोड़ तू दूर पटाखे ।।
डेंगू-डेंगा सम जमा, तरह तरह के कीट |
खूब पटाखे दागिए, मार विषाणु घसीट |
मार विषाणु घसीट, एक दिन का यह उपक्रम |
मना एकश: पर्व, दिखा दे दुर्दम दम-ख़म |
लौ में लोलुप-लोप, धुँआ कल्याण करेगा |
सह बारूदी गंध, मिटा दे डेंगू-डेंगा ||
बढ़िया प्रस्तुति ... दीपावली पर्व के शुभ अवसर पर आपको और आपके परिजनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....
ReplyDeleteदीपावली की वधाई के साथ-
ReplyDeleteसुधार करने घूमते,'राजनीति' ले साथ|
न् यह,न वह मिल सका, क्या आया है हाथ !!,
दीपावली की ढेर सारी शुभकामनायें |
ReplyDeleteआपके इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (14-12-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी । जरुर पधारें ।
सूचनार्थ ।
रविकर साहब.... रौशनी और खुशियों के पर्व "दीपावली" की ढेरों मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ!
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(¯*•๑۩۞۩:♥♥ :|| दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें || ♥♥ :۩۞۩๑•*¯)
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है पच्चास करोड़ का, मानहानि का केस ।
ReplyDeleteपॉलिटिकल यह शोहदे, पंहुचाते हैं ठेस ।
पंहुचाते हैं ठेस, बने दिग्गी आमोदी ।
जरा नहीं केजरी, बिचारी एक्ट्रेस रो दी।
एक्टिंग की उस्ताद, नहीं क्या यहाँ होड़ की ?
गर्ल फ्रेंड की बात, वही पच्चास करोड़ की ।।
बहुत बढ़िया सर इन राजनीति के विदूषकों का मजाक ही उड़ाया जा सकता है .हैं तो यह तेल लगे बैंगन