उत्कृष्ट एग्रीगेटर हमारी वाणी पर इस ब्लॉग विशेष का प्रकाशन नहीं हो पा रहा है- असुविधा के लिए खेद प्रकट करता हूँ -रविकर
Referring Sites
Entry | Pageviews | |||||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
20
| ||||||||||
18
| ||||||||||
7
| ||||||||||
5
|
सात्विक-जिद से आसमाँ, झुक जाते भगवान् ।
पीर पराई बाँट के, धन्य होय इंसान ।
धन्य होय इंसान, मिलें दुर्गम पथ अक्सर ।
हों पूरे अरमान, कोशिशें कर ले बेहतर ।
बाँट एक मुस्कान, मिले तब शान्ति आत्मिक ।
दीदी धन्य विचार, यही तो शुद्ध सात्विक ।।
|
रिश्ते रिसियाते रहे, हिरदय हाट बिकाय ।
परिचित बेगाने हुए, ख़ुशी हेतु भरमाय ।
ख़ुशी हेतु भरमाय, नहीं अंतर-मन देखा।
धर्म कर्म व्यवसाय, बदल ब्रह्मा का लेखा ।
दीदी का उपदेश, सरल सा चलो समझते ।
दिल में रखे सहेज, कीमती पावन रिश्ते ।।
|
जिम्मेदारी का वहन, करती बहन सटीक |
मौके पर मिलती खड़ी, बेटी सबसे नीक | बेटी सबसे नीक, पिता की गुड़िया रानी | चले पकड़ के लीक, बेटियां बड़ी सयानी | रविकर का आशीष, बेटियाँ बढ़ें हमारी | मातु-पिता जा चेत, समझ निज जिम्मेदारी || |
दुःख की घड़ियाँ सब गिनें, घड़ी - घड़ी सरकाय ।
धीरज हिम्मत बुद्धि बल, भागे तनु विसराय । भागे तनु विसराय, अश्रु दिन-रात डुबोते ।
रविकर मन बहलाय, स्वयं को यूँ ना खोते ।
समय-चक्र गतिमान, घूम लाये दिन बढ़िया ।
मान ईश का खेल, गिनों कुछ दुःख की घड़ियाँ ।।
|
जिम्मेदारी का वहन, करती बहन सटीक |
ReplyDeleteमौके पर मिलती खड़ी, बेटी सबसे नीक |
बेटी सबसे नीक, पिता की गुड़िया रानी |
चले पकड़ के लीक, बेटियां बड़ी सयानी |
सुंदर अभिव्यक्ति!!
बढ़िया निरीक्षण और अभिव्यक्ति भी 1
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावनात्मक अभिव्यक्ति .बधाई देर से ही सही प्रशासन जागा :बधाई हो बार एसोसिएशन कैराना .जिंदगी की हैसियत मौत की दासी की है
ReplyDelete