Referring Sites
Entry | Pageviews | |||||||||
---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|---|
18
| ||||||||||
17
| ||||||||||
6
| ||||||||||
5
|
सिंह चतुर्दिक थे खड़े, बन जन-गन के रक्ष ।
अपने अपने क्षेत्र में, दिखे हमेशा दक्ष ।
दिखे हमेशा दक्ष, लक्ष अवगुण अब आये ।
गीदड़ बनते देख, गधे सत्ता हथियाए ।
ढेंचू ढेंचू रेंक, रैंक ले लेते ऐच्छिक ।
दाने देते फेंक, ताकते सिंह चतुर्दिक ।।
|
चित्र
चित्र चुरा के भागता, है चालाक असीम ।
कुंडलियों से ले निभा, समझ-बूझ के थीम ।।
|
सिंह चतुर्दिक थे खड़े, थे जन-गण के रक्ष ।
ReplyDeleteअपने अपने क्षेत्र में, दिखे हमेशा दक्ष ।
दिखे हमेशा दक्ष, लक्ष अवगुण अब आये ।
गीदड़ बनते देख, गधे सत्ता हथियाए ।
ढेंचू ढेंचू रेंक, रैंक ले लेते ऐच्छिक ।
दाने देते फेंक, ताकते सिंह चतुर्दिक ।।
बन जन गन के रक्ष करके dekhen .
बहुत सुन्दर भावपूर्ण प्रस्तुति आभार न्यायालय का न्याय :प्रशासन की विफलता
ReplyDelete