छन्दोबद्ध रचते रहे रोज़ नया एक छंद ,छंद छंद से यों कहे कैसा है भई छंद .रचते पढ़ते छंद, सुने प्रभु उन बन्दों की |सच्चा हो ईमान, सुनों महिमा छंदों की ||
रचते पढ़ते छंद, सुने प्रभु उन बन्दों की |सच्चा हो ईमान, सुनों महिमा छंदों की ||Sachchi bat achchi bat.
रविकर भाई छा गए ही ,फिर शिखर पे आ गए हो .छंद को भी भा गए हो .देखें पोस्ट ताज़ा राम राम भाई पर जिसे आप ने पंख लगा दिए .छंदों की महिमा विषद, चर्चित शुभ-सन्देश |कविता रच ले पाठ कर, करे ध्यान अनिमेष |
रविकर भाई छा गए हो ,फिर शिखर मन भा गए हो .छंद को सरसा गए हो .
छन्दोबद्ध रचते रहे रोज़ नया एक छंद ,
ReplyDeleteछंद छंद से यों कहे कैसा है भई छंद .
रचते पढ़ते छंद, सुने प्रभु उन बन्दों की |
सच्चा हो ईमान, सुनों महिमा छंदों की ||
रचते पढ़ते छंद, सुने प्रभु उन बन्दों की |
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Sachchi bat achchi bat.
रविकर भाई छा गए ही ,
ReplyDeleteफिर शिखर पे आ गए हो .
छंद को भी भा गए हो .देखें पोस्ट ताज़ा राम राम भाई पर जिसे आप ने पंख लगा दिए .
छंदों की महिमा विषद, चर्चित शुभ-सन्देश |
कविता रच ले पाठ कर, करे ध्यान अनिमेष |
रविकर भाई छा गए हो ,फिर शिखर मन भा गए हो .
ReplyDeleteछंद को सरसा गए हो .