चालिसवीं वर्षगाँठ पर शुभकामनायें -
चालिस-चालिस शेर के, दो मन होते एक ।
अमर रहे यह युगल-निधि, रूप भारती नेक ।
रूप भारती नेक, बैठ गंगा के तट पर ।
कुल-संकुल इक संग, दमकता चेहरा रविकर ।
वर्षगाँठ कामना, रहे शुभ प्यार निखालिस ।
स्वस्थ देह मन मुदित, चालिसा रचिए चालिस ।।
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क्या बात है दोस्त समा बाँध दिया गांठ वर्ष चालीसा का .
ReplyDeleteचालीसवीं वर्षगांठ की चित्रात्मक प्रस्तुति अच्छी लगी । मेरे पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद
ReplyDeleteयहीं से हमारी भी बधाई पहुँचे..
ReplyDeleteaap dono ko bahut bahut badhayi !
ReplyDeleteबहुत बधाइयाँ....
ReplyDeleteसादर।