28 January, 2013

पैंट-शर्ट में पुरुष के, हमें दीखता दोष -



ब्रिटिश सांसद भी कहे, पहरावे में दोष ।
आधी आबादी सहे, कारण यह ही ठोस ।

कारण यह ही ठोस, रोष मत करना नारी ।
सैंडिल ऊंची छोड़, करो फिर से तैयारी ।

कोई हाथ लगाय, उठा जूतियाँ फटाफट ।
तुरत नाक-मुंह थूर, गिने बिन मार सटासट  ।। 


 पैंट-शर्ट में पुरुष के, हमें दीखता दोष ।
अंत: वस्त्रों में दिखे, ज्यादा जोश खरोश ।

ज्यादा जोश खरोश, पहन अब वही जाँघिया ।
धोती-कुरता झाड, पजामा बनी धारियां ।

सात्विक भोजन होय, मूक फ़िल्में भी त्यागो ।
बदलो अपने ढंग, गोलियां यूँ मत दागो ।।

2 comments:

  1. वाह रविकर जी ज़वाब नहीं आपकी प्रासंगिक टिप्पणियों का

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