वेशी ले गुजरा-त-मकु, आ-मोदी तूफ़ान ।
ला-ओ-वेशी ठान के, मिनटों में कल्यान ।
मिनटों में कल्यान, कहे घेरे बीमारी ।
भोगे हिन्दुस्तान, मरे जनता बेचारी ।
तेरी है सरकार, झूठ की कैसी पेशी ।
है गलबहियां डाल, कहूँ राहुल क्या वेशी ??
तमकु = चिढ़कर
मकु=कदाचित
वेशी = अधिक
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09 January, 2013
वेशी ले गुजरा-त-मकु, आ-मोदी तूफ़ान-
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Nice and Informative Post sir ji.
ReplyDeleteअति सुन्दर प्रस्तुति! सर, ओवेसी और राज ठाकरे जैसे नेता हमारी देश के लिए एक गन्दी बीमारी हैं, जिनको भारत के विकास से कोई मतलब नहीं, इसके प्रति कोई दूरदर्शिता नहीं। ऐसे नेताओं को राजनीती और सामाजिक जीवन से दूर कर देना अनिवार्य है।
ReplyDeleteनरेन्द्र गुप्ता