इठलाये इटली इतर, *इमदादी इनकार ।
ईंटा-गारा पाय के, बनवाई घर चार ।
बनवाई घर चार, नहीं इतराज कीजिये ।
पीजा वीजा खाय, बड़ा कप चाय पीजिये ।
जायेंगे कुल भूल, चूल बेशक हिल जाये ।
पर आए सरकार, देश फिर से इठलाये ।।
*सहायता पाने वाला
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लाली मेरे लाल की, यह इटली सरकार -
लाली मेरे लाल की, यह इटली सरकार ।
नहीं पचा पाई कुटिल, मामा को धिक्कार ।
मामा को धिक्कार, दुष्ट-त्यागी को खोजो ।
चापर चॉपर करे, पकड़ लो शामिल जो जो ।
करूँ नहीं विश्वास, तेज इसकी बिकवाली ।
हैं चुनाव अब पास, मांगते लोग दलाली ।।
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लिया दिया कुछ न किया, पिया एक-दो जाम ।
जाम रास्ता करो क्यूँ, गलत जाय पैगाम ।
गलत जाय पैगाम, रहे चालू यह विनिमय ।
बिना चढ़ावा पाय, नहीं सुनते प्रभु जय जय ।
लीगल वेश्यावृत्ति, दलाली लीगल छलिया ।
शक्तिमान कल्युगे, यही सम्बल है बलिया ।
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क्या बात
ReplyDeleteबहुत सुंदर
बहुत ही सुन्दर मान्यवर.
ReplyDeleteजबरजस्त व्यंग श्रीमान ,शुभकामनाये
ReplyDeleteजायेंगे कुल भूल, चूल बेशक हिल जाये ।
ReplyDeleteपर आए सरकार, देश फिर से इठलाये ।।
sarthak vyang----bahut khub
badhiya
ReplyDeleteमामा को धिक्कार, दुष्ट-त्यागी को खोजो ।
ReplyDeleteचापर चॉपर करे, पकड़ लो शामिल जो जो ।
सही कहा रविकर जी ।
क्या बात
ReplyDeleteबहुत सुंदर रविकर जी