लाली मेरे लाल की, यह इटली सरकार ।
नहीं पचा पाई कुटिल, मामा को धिक्कार ।
मामा को धिक्कार, दुष्ट-त्यागी को खोजो ।
चापर चॉपर करे, पकड़ लो शामिल जो जो ।
करूँ नहीं विश्वास, तेज इसकी बिकवाली ।
हैं चुनाव अब पास, मांगते लोग दलाली ।।
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अय्यासी यासीन की, श्री हाफिज के साथ |
गिफ्ट मिनिस्टर भेजते, वीजा हाथों हाथ | वीजा हाथों हाथ, गलत-फहमी मत पालो | संघी-भाजप दुष्ट, यहाँ से शीघ्र हंकालो ।
बढ़िया वो आतंक, नहीं देंगे अब फांसी ।
करने दो कुछ रोज, मियां उसको अय्यासी ।।
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बिलकुल सही कहा है आपने !!
ReplyDeleteआभार . सुन्दर प्रभाब शाली अभिब्यक्ति .
ReplyDeleteकानूनन अफजल चढ़ा ,फँसी कैसा द्वन्द ।
ReplyDeleteलखवी और मलिक मिले ,आतंकी छल -छंद ।
आतंकी छल - छंद , समझ नापाक इरादे ।
मोहरा मत बन आज ,अरे कश्मीरी प्यादे ।
कहते कवि लोकेश ,चलो आतंक मिटा दे ।
भूल गए जो राह ,अमन की राह दिखा दे ।
अय्यासी यासीन की, श्री हाफिज के साथ |
ReplyDeleteगिफ्ट मिनिस्टर भेजते, वीजा हाथों हाथ |
वीजा हाथों हाथ, गलत-फहमी मत पालो |
संघी-भाजप दुष्ट, यहाँ से शीघ्र हंकालो ।
बढ़िया वो आतंक, नहीं देंगे अब फांसी ।
करने दो कुछ रोज, मियां उसको अय्यासी ।।
ऊपर से तुर्रा ये हम सॉफ्ट स्टेट नहीं हैं .