07 February, 2013

ग्रोथ-रेट बस पाँच की, मिले कमीशन बीस-

 

परसेंटेज का कर रहा, खुलकर खेल खबीस ।
 ग्रोथ-रेट बस पाँच की, मिले कमीशन बीस ।

मिले कमीशन बीस, रीस मन ही मन करता ।
फिफ्टी फिफ्टी बंटे, अभी तो बहुत अखरता ।

खेत खान विकलांग, सभी का बढ़ा पेट है ।
चलो खरीदो वोट,  बोल क्या ग्रोथ रेट है -


भारतीय लोक-तंत्र


*सराजाम सारा जमा, रही सुरसुरा ^सारि |
सुधा-सुरा चौसर जमा, जाम सुरासुर डारि |

जाम सुरासुर डारि, खेलते दे दे गारी |
पौ-बारह चिल्लाय, जीत के बारी बारी |
जो सत्ता हथियाय, सुधा पी देखे मुजरा  |
 जन-गण जाये हार, दूसरा मद में पसरा ।।
*सामग्री  ^चौपड़ की गोटी

बढ़ता मध्य-प्रदेश, अरब-पति नौकर पाए-

 हृष्ट-पुष्ट रिश्वत रखे, बम बम रिश्वत खोर |
देते लेते निकलते, चन्दा चोंच चकोर |

चन्दा चोंच चकोर, चतुर चुटकियाँ बजाते |
काम निकलता देख, रोक खुद को ना पाते |

बढ़ता मध्य-प्रदेश,  अरब-पति नौकर पाए |
लेना देना सत्य, नहीं रविकर शरमाये ||
आई आई  के लिए, कुदरत का आईन |
दोनों की गोदी सुखद, कहते रहे जहीन |

कहते रहे जहीन, यहाँ आई  ले आई |
लेकिन आई मित्र, वहाँ निश्चय ले जाई |

इन्तजार दो छोड़, व्यवस्था करो ख़ुदाई |
ज्यों आई आश्वस्त, देख त्यों हर्षित आई ||
आई=मौत / माता

9 comments:

  1. परसेंटेज का कर रहा, खुलकर खेल खबीस ।
    ग्रोथ-रेट बस पाँच की, मिले कमीशन बीस ।
    मिले कमीशन बीस, रीस मन ही मन करता ।
    फिफ्टी फिफ्टी बंटे, अभी तो बहुत अखरता ।
    खेत खान विकलांग, सभी का बढ़ा पेट है ।
    चलो खरीदो वोट, बोल क्या ग्रोथ रेट है -

    शानदार जानदार व्यंग्य विद्रूप निजाम पर .

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  2. बहुत खूब . सुन्दर प्रस्तुति .आभार आपका

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  3. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
    सूचनार्थ!

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  4. बेजोड़ और नायब प्रस्तुति,प्रतिशत का है गणित अनूठा
    खा पी अपने ,दिखाय अंगूठा

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  5. वाकई ...
    सभी का पेट बढा है !

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