12 March, 2013

इटली के व्यवहार पर, फिर से निकली खीस

(१ )
टिली-लिली टिल्ला टिका, टिल्ले बड़ा नवीस । 
इटली के व्यवहार पर, फिर से निकली खीस । 
टिली-लिली = अंगूठा दिखाना 
टिल्ला= धक्का 
टिल्ले-नवीस = बहाने बाजी 
1
टली वापसी सिरों की, पाक-जियारत पूर । 
 मछुवारों के मौत का, अभी फैसला दूर । 
 
अभी फैसला दूर, मिली नहिं चॉपर फ़ाइल । 
कातिल गए स्वदेश, फंसा इक और मिसाइल । 
 
भेजे सुप्रिम-कोर्ट, देखिये बढ़ी बेबसी । 
कातिल नातेदार, नहीं देगा अब इटली ॥  
२ 
 नारा की नाराजगी, जगी आज की भोर । 
यह नारा कमजोर था, नारा नारीखोर । 
नारा नारीखोर, लगा सड़कों पर नारा । 
नर नारी इक साथ, देश सारा हुंकारा। 
कर के पश्चाताप, मुख्य आरोपी मारा । 
  नेता नारेबाज, पाप से करो किनारा ॥ 

३ 

साफ़ सूपड़ा कर रहा, रोज मीडिया बोल । 
अर्थ हारकर खोजता, शब्दकोश को खोल । 
शब्दकोश को खोल, जरा मतलब समझाओ । 
हुई कहाँ उत्पत्ति, जरा इतिहास बताओ । 
आकर्षक यह शब्द, कमाए शब्द रोकडा । 
भाव समझ कापुरुष, अन्यथा साफ़ सूपड़ा ॥

8 comments:

  1. सार्थक प्रस्तुतीकरण आदरणीय.

    तन धन जोबन पर बड़ा, कीना जिन विस्वास,
    ये सब धोखा दे चले, रहे ना कोई पास |

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  2. टिली-लिली टिल्ला टिका, टिल्ले बड़ा नवीस ।
    इटली के व्यवहार पर, फिर से निकली खीस ।
    यह व्यवहार अप्रत्याशित नहीं था, सब जानते रहे होंगे ,यहाँ तक कि जुडीशियरी भी की ये होना है !

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  3. सार्थक प्रस्तुतीकरण.

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  4. 1
    टली वापसी सिरों की, पाक-जियारत पूर ।
    मछुवारों के मौत का, अभी फैसला दूर ।

    अभी फैसला दूर, मिली नहिं चॉपर फ़ाइल ।
    कातिल गए स्वदेश, फंसा इक और मिसाइल ।

    भेजे सुप्रिम-कोर्ट, देखिये बढ़ी बेबसी ।
    कातिल नातेदार, नहीं देगा अब इटली ॥

    इन सियासती धंधे बाजों से अजमेर शरीफ के भाई आबेदीन ईमान वाले हैं जिन्होनें पाकी प्रधान मंत्री को जियारत क़राने से इनकार कर दिया ,और वह बैसाखियाँ खाने वाला विदेशमंत्री ४८ लोगों को जो पाकी काफिले में शामिल थे फ़ाइव कोर्स लंच देने से बाज़ न आया ,आतंकी मुल्कों को ज़िमाने की बान अब मौत के बाद ही जायेगी .

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  5. टिलिलिली मसूर की दाल
    इटली चिढाती मनमोहन लाल ।

    हमारे सत्ताधारी ही शह दे रहे हैं दुष्मनों को अब जनता किस का मुँह देखे

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  6. सुन्दर शब्द-सु-जाल है, सुन्दर भावानुरक्ति|
    सुन्दर अर्थों से भरी,सुन्दर है अभिव्यक्ति ||

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  7. शुक्रिया भाई साहब संग संग बधाई इतना काम अनथक करते चले जाने की .बने रहो यूं ही रचना फलक पर .

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