हर-हर बम-बम, बम-बम धम-धम |
तड-पत हम-हम, हर पल नम-नम ||
अकसर गम-गम, थम-थम, अब थम |
शठ-शम शठ-शम, व्यरथम-व्यरथम ||
दम-ख़म, बम-बम, चट-पट हट तम |
तन तन हर-दम *समदन सम-सम ||
तन तन हर-दम *समदन सम-सम ||
*युद्ध
*करवर पर हम, समरथ सकछम |
अनरथ कर कम, झट-पट भर दम ||
*विपत्ति
भकभक जल यम, मरदन मरहम |
हर-हर बम-बम, हर-हर बम-बम ||
बम-बम
ReplyDeleteनगण की इस छंद बिरादरी के मौहल्ले का नाम क्या है???
ReplyDeleteहर चरण में 'बारह लघु मात्रिक वाले छंद 'तरल नयन' से तो परिचित हूँ।
किन्तु इस 'सोलह लघु मात्रिक छंद' का कोई तो नाम बताइये। यदि ये 'अनाम' है तो आज से इसे 'हर हर बम बम' छंद ही कहेंगे।
रविकर जी, इसका कोई नाम हो तो ज्ञान में बढ़ोतरी अवश्य करिएगा।
जब आप अनर्थ को 'अनरथ' लिख रहे हैं तो 'अक्सर' को 'अकसर' और 'व्यर्थम- व्यर्थम' को 'व्यरथम-व्यरथम' लिखने की क्यों छूट नहीं ले रहे।
ReplyDeleteसत्य, सनातन, सुन्दर, शिव! सबके स्वामी।
ReplyDeleteअविकारी, अविनाशी, अज, अन्तर्यामी ।
हर हर महादेव.
बोल बम बोल बम .... हर हर महादेव शम्भू....जयकारा भोले नाथ का....हर हर महादेव
ReplyDeleteNice alfaaz.
ReplyDeleteहर हर महादेव !
ReplyDeleteAwesome creation !
ReplyDeleteहर हर महादेव !
ReplyDeleteशिवरात्रि पर अपूर्व प्रस्तुति ।
ReplyDeleteहर हर महादेव
ReplyDelete(www.krtkraj.blogspot.in)