भाई बहुत दिनों बाद देख रहा हूं आपको, लगता है कहीं बाहर थे।शानदार छंद, बहुत सुंदर
main bhi yahi soch rahi thi ki garmi ki chhuttiyon me wayast hain shayad ....very nice ....
सटीक
सटीक कुंडलियाँ !!आपकी कमी काफी दिन से अखर रही थी अब वो पूरी हुयी !!सादर आभार !!
सटीक कुण्डलिया। वर्तमान पर चोट करती, प्रभावशाली रचना !
बहुत खूब नई पोस्ट क्या आपको अपना मोबाइल नम्बर याद नहीं
भाई बहुत दिनों बाद देख रहा हूं आपको, लगता है कहीं बाहर थे।
ReplyDeleteशानदार छंद, बहुत सुंदर
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सादर आभार !!
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ReplyDeleteबहुत खूब
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