गूढ़ोत्तर स्वातन्त्र्य का, नित देता है क्लेश |
अजब कश्मकश में दिखे, मोहन-मोदी देश |
अजब कश्मकश में दिखे, मोहन-मोदी देश |
मोहन-मोदी देश, दलाली लाली लाये |
आबादी निर्बुद्धि, जाति सरकार बनाये |
बायल सारे वार, निगाहें माँ-पुत्तर पर |
फिर से बंटाधार, यही रविकर गूढोत्तर ||
बहुत सुंदर
ReplyDeleteबहुत सुंदर
बहुत सटीक.
ReplyDeleteरामराम.
बढ़िया.
ReplyDeleteबायल सारे वार, निगाहें माँ-पुत्तर पर |
ReplyDeleteफिर से बंटाधार, यही रविकर गूढोत्तर ||
दोनों भागेंगे इटली तू चिंता न कर