ढले एक टकसाल के,
गिरते गए समान ।
पहला गिरके खनकता,
दूजे को नहिं भान-
थमो थमो दोनों थमो ।
झुके झुके लेते चुरा,
एम् बी ए अब ऊंट ।
छली बली बाजार है,
बिके कान का खूंट -
रमो रमो तुम भी रमो ॥
नागिन जब लेती लगा,
जबरदस्त दो पंख ।
सिक्युरिटी बिल की मिली
रहो बजाते शंख -
नमो नमो भज मन नमो ॥
गुजराती ताला भला,
लगा रहे किस ठौर ।
अरहर की टट्टी खड़ी -
किया कभी क्या गौर -
जमो जमो तुम ही जमो ॥
बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुती,आभार आदरणीय ।
ReplyDeleteगुजराती ताला भला,
ReplyDeleteलगा रहे किस ठौर ।
अरहर की टट्टी खड़ी -
किया कभी क्या गौर -
जमो जमो तुम ही जमो ॥
ॐ नामो नामो जप नामो नामो
कह नामो नामो ,सुन नामो नामो .
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteवाह जी वाह .. मज़ा आ गया इस गीत का ... जय हो ...
ReplyDeleteKya khoob kahee!
ReplyDeleteवाकई बेहतर प्रतिक्रया है.
ReplyDeleteसमझ में ना आये तो क्या किया जाये
ReplyDeleteएक तो रुपया गिरता है दूजा नेता का चरित्र।
वाह!..वाह!...वाह!...
ReplyDeleteवाह!..वाह!...वाह!...
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