करते काम तमाम अब, पूछे प्रश्न तमाम |
चेत यहूदी बौद्ध सिक्ख, हिन्दु क्रिस्ट इस्लाम |
हिन्दु क्रिस्ट इस्लाम, धर्म की पढ़ो किताबें |
पढ़ लो श्लोक कलाम, अन्यथा गर्दन दाबें |
खरदूषण की बहन, कर्बला में जो मरते |
बोलो उनका नाम, नहीं तो हत्या करते ||
खरदूषण की बहन, कर्बला में जो मरते |
ReplyDeleteबोलो उनका नाम, नहीं तो हत्या करते ||
सेकुलर इनका नाम काम ये ह्त्या करते .
बहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteजय जय जय घरवाली
ReplyDeleteबहुत खूब .
खरदूषण की बहन, कर्बला में जो मरते |
बोलो उनका नाम, नहीं तो हत्या करते ||
शुक्रिया टिप्पणियां का जाने मन
ReplyDeleteमाने मन .
सही कहा..
ReplyDelete
ReplyDeleteक्या बात है रविकर जी -ये दो ऐसे बराबर हैं जो कहतें हैं चप्पल खाने के बाद -कोई बात नहीं ,बात तो करेंगे .बात तो करनी पड़ती है .इनके समर्थक कहते हैं जब प्रधानमन्त्री ने चप्पल खाई है तो सोच समझके ही खाई होगी .चप्पल चप्पल में फर्क होता है .पडोसी की चप्पल कोई पराई थोड़ी है।
एक प्रतिक्रिया ब्लॉग पोस्ट :
24 SEPTEMBER, 2013
बोलो उनका नाम, नहीं तो हत्या करते -
करते काम तमाम अब, पूछे प्रश्न तमाम |
चेत यहूदी बौद्ध सिक्ख, हिन्दु क्रिस्ट इस्लाम |
हिन्दु क्रिस्ट इस्लाम, धर्म की पढ़ो किताबें |
पढ़ लो श्लोक कलाम, अन्यथा गर्दन दाबें |
खरदूषण की बहन, कर्बला में जो मरते |
बोलो उनका नाम, नहीं तो हत्या करते ||
Posted by रविकर at 20:58
और अब तो आदत सी हो गई है,
और आदत कभी नहीं जाती।