17 September, 2013

रहमत लाशों पर नहीं, रहम तलाशो व्यर्थ -


रहमत लाशों पर नहीं, रहम तलाशो व्यर्थ |
अग्गी करने से बचो, अग्गी करे अनर्थ |


अग्गी करे अनर्थ, अगाड़ी जलती तीली |
जीवन-गाड़ी ख़ाक, आग फिर लाखों लीली |


करता गलती एक, उठाये कुनबा जहमत |
रविकर रोटी सेंक, बाँटता मरहम रहमत ||


3 comments:

  1. अगर नेता लोग समझ सकें तो ...

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  2. गर्क है जी बेड़ा। हिटलरी के बिना काम चलनेवाला नहीं आगे।

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  3. बेहतरीन अभिवयक्ति.....

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