07 September, 2013

शठ-सत्ता की समझ ले, पुन: जीत आसान -

सन्ता-बन्ता पर टिके, यदि जनता का ध्यान |
शठ-सत्ता की समझ ले, पुन: जीत आसान |

पुन: जीत आसान, म्यान में रख तलवारें |
जान-बूझ कर जान, आम-जनता की मारें |

इक प्रकोष्ठ तैयार, ढूँढ़ता सकल अनन्ता |
मिला नया हथियार, और कुछ घेरें सन्ता ||

6 comments:

  1. नए हथियार तो ढूंढे ही जा रहे हैं सन्‍ता को पुन: पदेन करने के लिए।

    ReplyDelete
  2. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुती। आभार आदरणीय।

    ReplyDelete
  3. अच्छी प्रेरणाप्रद प्रस्तुति है !

    ReplyDelete