बेटी की सहेली का यौन शोषण करने के बाद 'तहलका' के संपादक ने दिया इस्तीफा
chandan bhati
हलका-फुलका दोष है, कर ले पश्चाताप |
यौनोत्पीड़न के लिए, कुर्सी छोड़े आप |
कुर्सी छोड़े आप, मात्र छह महिना काहे |
सहकर्मी चुपचाप, बॉस जो उसका चाहे |
लेता आज संभाल, देख लेता कल कल का |
तरुण तेज ले पाल, सेक्स से मचे तहलका ||
(2)
बंगारू कि आत्मा, होती आज प्रसन्न |
सन्न तहलका दीखता, झटका करे विपन्न |
झटका करे विपन्न, सताया है कितनों को |
लगी उन्हीं कि हाय, हाय अब माथा ठोको |
गोया गोवा तेज, चढ़ी थी जालिम दारू |
रंग दे डर्टी पेज, देखते हैं बंगारू ||
(2)
बंगारू कि आत्मा, होती आज प्रसन्न |
सन्न तहलका दीखता, झटका करे विपन्न |
झटका करे विपन्न, सताया है कितनों को |
लगी उन्हीं कि हाय, हाय अब माथा ठोको |
गोया गोवा तेज, चढ़ी थी जालिम दारू |
रंग दे डर्टी पेज, देखते हैं बंगारू ||
बंगारू कि आत्मा, होती आज प्रसन्न |
ReplyDeleteसन्न तहलका दीखता, झटका करे विपन्न |
झटका करे विपन्न, सताया है कितनों को |
लगी उन्हीं कि हाय, हाय अब माथा ठोको |
गोया गोवा तेज, चढ़ी थी जालिम दारू |
रंग दे डर्टी पेज, देखते हैं बंगारू ||
बहुत सुन्दर सटीक .
सटीक।
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