23 November, 2013

रानि निगाह रखे उन पे जिनके हित काम करावत है -




मदिरा सवैया (  भगण  X 7 + S )

पञ्च पिपीलक पिप्पल पेड़ पहाड़ समान उठावत है । 

जीत लिया जब भूमि नई, तरु से दुइ दीप मिलावत हैं । 

दुर्गम मार्ग रहा बरसों कल सों शुभ राह बनावत है। 

रानि निगाह रखे उन पे जिनके हित काम करावत है । 


दुर्मिळ सवैया (सगण x 8)

इस ओर गरीब-फ़क़ीर बसे, उस ओर अमीर-रईस जमा। 

जनतंतर जंतर-मंतर से, कुछ अंतर भेद न छेद कमा । 

सरकार रही सरकाय समा, जन नायक मस्त स्वमेव रमा । 

इन चींटिन सा सदुपाय करो, करिये उनको मत आज क्षमा |



4 comments:

  1. वाह जननायकों की मस्‍ती को धारदार व्‍यंग्‍य से प्रस्‍तुत किया है।

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  2. बहुत बढ़िया..

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  3. बेहतरीन, शुभकामनाएं.

    रामराम.

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  4. पञ्च पिपीलक पिप्पल पेड़ पहाड़ समान उठावत है ।

    जीत लिया जब भूमि नई, तरु से दुइ दीप मिलावत हैं ।

    दुर्गम मार्ग रहा बरसों कल सों शुभ राह बनावत है।

    रानि निगाह रखे उन पे जिनके हित काम करावत है ।

    बहुत खूब रविकर जी .

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