नहीं रविकर जी ..यह अर्थ-अनर्थ है ....इस पार्टी के .नाम में आदमी का अर्थ ----लिंग भाव से परे .....जाति भाव है ..... --- जब कहा जाता है कि महंगाई में आदमी क्या करे, क्या खाए ....तो समस्त मानव जाति का बोध होता है .... नृवंश का इतिहास ...आदि जाति बोधक हैं ...आदमी शब्द आदम से आया है इसका अर्थ सिर्फ पुरुष नहीं है ..... --- अलग अलग यह थोड़े ही कहा जाता है कि...आदमी क्या खाए ...औरत क्या खाए ...फिर बच्चा क्या खाए, घोड़ा क्या खाए..घोडी क्या खाए.... क्या खाए ....
बहुत खूब!
ReplyDeleteबहुत सुंदर..!!
ReplyDeleteक्या बात है, दमदार।
ReplyDeleteनहीं रविकर जी ..यह अर्थ-अनर्थ है ....इस पार्टी के .नाम में आदमी का अर्थ ----लिंग भाव से परे .....जाति भाव है .....
ReplyDelete--- जब कहा जाता है कि महंगाई में आदमी क्या करे, क्या खाए ....तो समस्त मानव जाति का बोध होता है .... नृवंश का इतिहास ...आदि जाति बोधक हैं ...आदमी शब्द आदम से आया है इसका अर्थ सिर्फ पुरुष नहीं है .....
--- अलग अलग यह थोड़े ही कहा जाता है कि...आदमी क्या खाए ...औरत क्या खाए ...फिर बच्चा क्या खाए, घोड़ा क्या खाए..घोडी क्या खाए.... क्या खाए ....
आदरणीय -
Deleteमात्र हास्य के लिए के लिए है रचना-
गोमती नगर कि एक नेत्री ने आम आदमी पार्टी छोड़ दी है-
बस वहीँ यह टिप्पणी लगाईं थी-
सादर