10 December, 2013
अब होगी ना भोर, दफ़न कर मोहन प्यारे-
मोहन प्यारे पर बढ़ा, फिर से बोझ अपार |
राहुल की हरदम चली, फिर देखो इस बार |
फिर देखो इस बार, चिदम्बर कपिल संभाले |
पगड़ी रहा संभाल, नहीं गिर जाए खाले |
माना मन कमजोर, किया पर वारे-नारे |
अब होगी ना भोर, दफ़न कर मोहन प्यारे ||
1 comment:
Harihar (विकेश कुमार बडोला)
11 December 2013 at 03:24
गजब चोट मारी है।
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गजब चोट मारी है।
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