विकलांग आप है जिन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया !
दारुण दिखता दृश्य यह, गायब दोनों हाथ |
पैरों पर स्याही लगे, सत्साहस है साथ |
सत्साहस है साथ, अनोखा वोटर आया |
करता चोखा काम, एक सन्देश सुनाया |
धन्य धन्य विकलांग, देह से दीखे भारु |
लेकिन हैं कुछ लोग, मांगते पहले दारू ||
पी.सी.गोदियाल "परचेत"
दारुण दिखता दृश्य यह, गायब दोनों हाथ |
पैरों पर स्याही लगे, सत्साहस है साथ |
सत्साहस है साथ, अनोखा वोटर आया |
करता चोखा काम, एक सन्देश सुनाया |
धन्य धन्य विकलांग, देह से दीखे भारु |
लेकिन हैं कुछ लोग, मांगते पहले दारू ||
वाह बेजोड़् !
ReplyDeleteगजब का जज्बा।
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ReplyDeleteसेतुओं का बहु भावी गुलदस्ता लाये ,
भइआ रविकर चर्चा लाये।
विकलांग दिवस का तौफा है यह पोस्ट .मन से होता है आदमी विकलांग ,बुद्धिमंद .
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDelete--
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (05-12-2013) को "जीवन के रंग" चर्चा -1452
पर भी है!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
--
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
गज़ब की जज्बा !बधाई के पात्र हैं !
ReplyDeleteनई पोस्ट वो दूल्हा....
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