04 December, 2013

दारुण दिखता दृश्य यह, गायब दोनों हाथ -

विकलांग आप है जिन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया !

जज्बे को सलाम ! 


पी.सी.गोदियाल "परचेत" 


दारुण दिखता दृश्य यह, गायब दोनों हाथ |
पैरों पर स्याही लगे, सत्साहस है साथ |

सत्साहस है साथ, अनोखा वोटर आया |
करता चोखा काम, एक सन्देश सुनाया |

धन्य धन्य विकलांग, देह से दीखे भारु |
लेकिन हैं कुछ लोग, मांगते पहले दारू || 

6 comments:


  1. सेतुओं का बहु भावी गुलदस्ता लाये ,

    भइआ रविकर चर्चा लाये।

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  2. विकलांग दिवस का तौफा है यह पोस्ट .मन से होता है आदमी विकलांग ,बुद्धिमंद .

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज बृहस्पतिवार (05-12-2013) को "जीवन के रंग" चर्चा -1452
    पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. गज़ब की जज्बा !बधाई के पात्र हैं !
    नई पोस्ट वो दूल्हा....
    latest post कालाबाश फल

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