सत्ता फिर फिर पाइये, कुछ लोगों को लूट |
दोनों हाथ लुटाइये, मिली 'आप' को छूट |
मिली 'आप' को छूट, आय कर जलकर *हर कर |
इधर खून के घूँट, उधर जल छह सौ लीटर |
बिजली सस्ती बाँट, बाँट उत बहुविधि भत्ता |
रखे ध्यान मतदान, बड़ी उपदानी सत्ता ||
उपदान=सब्सिडी
बहुत सुंदर !
ReplyDeleteनववर्ष शुभ हो मंगलमय हो !
सही कहा है..हार्दिक शुभकामनायें ..
ReplyDeleteशुभकामनाएं।
ReplyDeleteरविकर जी जादू है 'आप'
ReplyDeleteके शब्दों में.
आभार जी.