01 January, 2014

दोनों हाथ लुटाइये, मिली 'आप' को छूट-

सत्ता फिर फिर पाइये, कुछ लोगों को लूट |
दोनों हाथ लुटाइये, मिली 'आप' को छूट |

मिली 'आप' को छूट, आय कर जलकर *हर कर |
इधर खून के घूँट, उधर जल छह सौ लीटर |

बिजली सस्ती बाँट, बाँट उत बहुविधि भत्ता |
 रखे ध्यान मतदान, बड़ी उपदानी सत्ता ||
उपदान=सब्सिडी 

4 comments:

  1. बहुत सुंदर !
    नववर्ष शुभ हो मंगलमय हो !

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  2. सही कहा है..हार्दिक शुभकामनायें ..

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  3. रविकर जी जादू है 'आप'
    के शब्दों में.

    आभार जी.

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