पाया गाँधी सदन से, जो लर्निंग लायसेन्स |
बैठा ड्राइविंग सीट पर, दिखी सवारी टेंस |
दिखी सवारी टेंस, लेंस आँखों पर मोटा |
हरिश्चंद का पूत, किन्तु अनुभव का टोटा |
यमुना ब्रिज पर जाम, देख बन्दा घबराया |
देता वहीँ डुबाय, सुबह अखबार छपाया ||
वाह जी वाह ... लाजवाब ...
ReplyDeleteकाफी उम्दा रचना....बधाई...
ReplyDeleteबंदातो नेक है।
ReplyDeleteसुन्दर
ReplyDeleteआप ने तो आप को.............बढ़िया।
ReplyDeleteव्यंग्य से परिपूर्ण सुंदर प्रस्तुति...
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