19 January, 2014
धड़'ना है बेताल धुर, चढ़ा केजरी पीठ
विक्रम और बेताल
धड़'ना है बेताल धुर, चढ़ा केजरी पीठ |
बोले जब ईमान से, चढ़े पेड़ पर ढीठ |
चढ़े पेड़ पर ढीठ, मीठ यह सोम सुरा है |
आ-भूषण बिड़लाल, हाथ में लिए छुरा है |
आप बाप की बात, बीच में बच्चू पड़ ना |
खींचे बहुत कबंध, निकलता लेकिन धड़ ना ||
3 comments:
दिगम्बर नासवा
20 January 2014 at 00:28
क्या बात है दिनेश जी ... साधुवाद ...
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Harihar (विकेश कुमार बडोला)
20 January 2014 at 02:03
तमाशबीन बनना कष्टकारी लग रहा है।
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Asha Joglekar
20 January 2014 at 05:40
बेचारे केजरीवाल........
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क्या बात है दिनेश जी ... साधुवाद ...
ReplyDeleteतमाशबीन बनना कष्टकारी लग रहा है।
ReplyDeleteबेचारे केजरीवाल........
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