19 January, 2014

धड़'ना है बेताल धुर, चढ़ा केजरी पीठ

विक्रम और बेताल
धड़'ना है बेताल धुर, चढ़ा केजरी पीठ |
बोले जब ईमान से, चढ़े पेड़ पर ढीठ |

चढ़े पेड़ पर ढीठ, मीठ यह सोम सुरा है |
आ-भूषण बिड़लाल, हाथ में लिए छुरा है |

आप बाप की बात,  बीच में बच्चू पड़ ना |
खींचे बहुत कबंध, निकलता लेकिन धड़ ना || 

3 comments:

  1. क्या बात है दिनेश जी ... साधुवाद ...

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  2. तमाशबीन बनना कष्‍टकारी लग रहा है।

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  3. बेचारे केजरीवाल........

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