20 January, 2014
अंतर-तह तहरीर है, चौक-चाक में आग-
अंतर-तह तहरीर है, चौक-चाक में आग |
रविकर सर पर पैर रख, भाग सके तो भाग |
भाग सके तो भाग, जमुन-जल नाग-कालिया |
लिया दिया ना बाल, बटोरे किन्तु तालियां |
दिखे अराजक घोर, काहिरा जैसा जंतर |
होवे ढोर बटोर, आप में कैसा अंतर ||
2 comments:
सुशील कुमार जोशी
21 January 2014 at 07:28
वाह बहुत सुंदर !
Reply
Delete
Replies
Reply
Asha Lata Saxena
21 January 2014 at 17:06
बढ़िया है
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
वाह बहुत सुंदर !
ReplyDeleteबढ़िया है
ReplyDelete