19 February, 2014

कौआ लाय सुराज, सफल कोयल मन्सूबे-

कौआ कोयल बाज में, होड़ मची है आज |
कोयल के अंडे पले, कौआ लाय सुराज |  

कौआ लाय सुराज, सफल कोयल मन्सूबे |
हर सूबे में खेल, घोसला साला डूबे |

बाज आय नहिं बाज, आज भी इसका हौवा |
बहुमत कैसे पाय, उधर कौआता कौआ || 

5 comments:

  1. आपकी यह उत्कृष्ट प्रस्तुति कल शुक्रवार (20.02.2014) को " "

    जाहिलों की बस्ती में, औकात बतला जायेंगे

    " ( चर्चा -1530 )"
    पर लिंक की गयी है,कृपया पधारे.वहाँ आपका स्वागत है,धन्यबाद।

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  2. कल 21/02/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद !

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  3. आहूत बढियां कुण्डलियाँ.

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  4. कौआ और कोयल , सुन्दर उपमा और उपमेय , बढ़िया कुंडलियां
    New post: शिशु

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