खड़े होना ... कार्य की और अग्रसर होना ही उपाय है ... अच्छी कुंडली ...
बहुत बढ़िया।
बेहतरीन प्रस्तुति
उद्यम करता सिध्द सही कहा रविकर जी।
सार्थक सौद्देश्य सन्देश देती कुण्डलनी ,शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का ,आपके होने और दिखने का चर्चा मंच पे नै साजसज्जा संग।
बहुत उपयोगी संदेश दे रही हैं ये पंक्तियाँ !
दोहे लिखने की प्रथा लगबहग खत्म ही हो चुकी है, लेकिंन आप अब भी उसको आगे बढ़ा रहे हैं और सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं.
अति सुन्दर ..
बहुत दिनों के बाद कुण्डलियाँ का आनन्द मिला !
खड़े होना ... कार्य की और अग्रसर होना ही उपाय है ...
ReplyDeleteअच्छी कुंडली ...
बहुत बढ़िया।
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteउद्यम करता सिध्द सही कहा रविकर जी।
ReplyDeleteसार्थक सौद्देश्य सन्देश देती कुण्डलनी ,शुक्रिया आपकी टिप्पणियों का ,आपके होने और दिखने का चर्चा मंच पे नै साजसज्जा संग।
ReplyDeleteबहुत उपयोगी संदेश दे रही हैं ये पंक्तियाँ !
ReplyDeleteदोहे लिखने की प्रथा लगबहग खत्म ही हो चुकी है, लेकिंन आप अब भी उसको आगे बढ़ा रहे हैं और सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं.
ReplyDeleteअति सुन्दर ..
ReplyDeleteबहुत दिनों के बाद कुण्डलियाँ का आनन्द मिला !
ReplyDelete