04 January, 2015

होता रविकर खेत, पड़े बेमौसम ओले -

ओले गोले सा बरस, चौपट करते खेत |
गलते थोड़ी देर में, मिटते फसल समेत |

मिटते फसल समेत, फिदाइन इनकी फितरत। 
पहुँचाना नुक्सान, हमेशा रखते हसरत ।  

बड़े अधम ये लोग, जहर दुनिया में घोले । 
होता रविकर खेत, पड़े बेमौसम ओले ॥ 
दोहा 
गैरों ने काटा गला, झटपट काम तमाम । 
अपने तो रेता किये, लिए एक ही काम ॥ 

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