24 January, 2016
शत्रु हमारे लिख रहे, अपना नाम शरीफ-
शत्रु हमारे लिख रहे, अपना नाम शरीफ।
देते हिन्दुस्थान को, रहे सदा तकलीफ।
रहे सदा तकलीफ, तोड़ के कंठी माला।
लुच्चे लोभी-भीरु, बदल लेते थे पाला।
बदले पुरखे-ईष्ट, किताबी-कीड़े सारे।
अब मैदाने-जंग, बनाते शत्रु हमारे।।
3 comments:
सुशील कुमार जोशी
25 January 2016 at 05:15
बढ़िया :)
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yashoda Agrawal
25 January 2016 at 17:10
वाह..
सार्थक कुण्डली
साधुवाद
सादर
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संजय भास्कर
26 January 2016 at 00:39
अच्छी प्रस्तुति
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बढ़िया :)
ReplyDeleteवाह..
ReplyDeleteसार्थक कुण्डली
साधुवाद
सादर
अच्छी प्रस्तुति
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