25 January, 2016

बहुत बहुत शुभकामना, किन्तु मना षडयंत्र-



मना मना जन गण मना, लोकपर्व गणतंत्र।
बहुत बहुत शुभकामना, किन्तु मना षडयंत्र।

किन्तु मना षडयंत्र, सदा रहिये चौकन्ना।
बने राष्ट्र सिरमौर, यही तो दिली तमन्ना।

हारेगा आतंक,  बचेगा कहीं नाम ना।
आए सुख- समृद्धि, शान्ति से ध्वजा थामना।।

दोहा 
चाटुकारिता से चतुर, करें स्वयं को सिद्ध |
परम्परा प्राचीन यह, अब भी नहीं निषिद्ध || 

अपने पे इतरा रहे, तीन ढाक के पात |

तुल जाए तुलसी अगर, दिखला दे औकात ||


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