04 February, 2016
पालक है क्या? पूँछता, था भलमानुष एक-
ठेला पर सब्जी रखे, बेंचे बालक नेक |
पालक है क्या? पूँछता, था भलमानुष एक |
था भलमानुष एक, अगर पालक ही होता |
मैं बेचारा बोझ, यहाँ आकर क्यूँ ढोता |
कह रविकर कविराय, कमाऊ पूत अकेला |
पालूं मैं परिवार, लगा सब्जी का ठेला ||
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
4 February 2016 at 03:21
बढ़िया :)
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बढ़िया :)
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