सिल-बट्टे पीसा किये, यादें-वादे-प्रेम ।
बट्टा दे बट्टा लगा, सिल का भाड़े गेम।
सिल का भाड़े गेम, नेम की बाँह मरोड़े ।
अखरोटी दिन-रात, अकेले कैसे फोड़े।
लुढ़क-लुढ़क सौ बार, चलो मंजिल तक हिल-मिल ।
रविकर पाये चैन, परमगति होवे हासिल ॥
रविकर पाये चैन, परमगति होवे हासिल ॥
बहुत खूब।
ReplyDeleteबट्टे दे बट्टा लगा सिल का भाडे गेम, वाह ।
ReplyDeleteबेचारा बट्टा।
beautiful
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