13 June, 2016

सिल-बट्टे पीसा किये, यादें-वादे-प्रेम


सिल-बट्टे पीसा किये, यादें-वादे-प्रेम । 
बट्टा दे बट्टा लगा, सिल का भाड़े गेम। 

सिल का भाड़े गेम, नेम की बाँह मरोड़े । 
अखरोटी दिन-रात, अकेले कैसे फोड़े। 

लुढ़क-लुढ़क सौ बार, चलो मंजिल तक हिल-मिल ।
रविकर पाये चैन, परमगति होवे हासिल ॥


3 comments:

  1. बट्टे दे बट्टा लगा सिल का भाडे गेम, वाह ।
    बेचारा बट्टा।

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