28 July, 2016

आये जब वे भाव से, दो स्वभाव से नेह-


आये जब वे भाव से, दो स्वभाव से नेह ।
करो मदद यदि आ रहे, वे अभाव वश गेह।

वे अभाव वश गेह, देह अब नहीं चुराओ।
यदि प्रभाव से आय, ख़ुशी से झूमो-गाओ।

प्रभु की कृपा अपार, और क्षमता बढ़ जाये।
करो मदद दो नेह, द्वार जब रविकर आये।


2 comments:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (30-07-2016) को "ख़ुशी से झूमो-गाओ" (चर्चा अंक-2419) पर भी होगी।
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    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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