26 September, 2016
तू कर बहाना बैठकर आंसू बहाना सीख ले
जब धाक धाकड़ आदमी छल से जमाना सीख ले |
सारा जमाना नाम धन-दौलत कमाना सीख ले |
ईमान रिश्ते दीन दुख जब बेंच खाना सीख ले |
तू कर बहाना बैठकर आंसू बहाना सीख ले ||
3 comments:
सुशील कुमार जोशी
26 September 2016 at 21:11
वाह ।
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संगीता स्वरुप ( गीत )
26 September 2016 at 21:42
सही ....
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प्रतिभा सक्सेना
27 September 2016 at 21:08
नहीं,आँसू बहाना नहीं सीखे,कहीं तो कुछ रेज़िस्टेंस चले !
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वाह ।
ReplyDeleteसही ....
ReplyDeleteनहीं,आँसू बहाना नहीं सीखे,कहीं तो कुछ रेज़िस्टेंस चले !
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