07 November, 2016
सबके बदले मौज, किन्तु ये नेता करते-
करते काम गरीब तो, शोषण करे अमीर ।
दोनों की रक्षा करे, क्रमश: सैनिक वीर।
क्रमश: सैनिक वीर, इन्हें पाले करदाता।
देख घुमक्कड़-ठाठ, पिये दारू मदमाता।
बैंकर कसे नकेल, वकीलों से ये डरते।
सबके बदले मौज, किन्तु ये नेता करते।।
1 comment:
सुशील कुमार जोशी
8 November 2016 at 05:08
मौज जरूरी है । बहुत सुन्दर ।
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मौज जरूरी है । बहुत सुन्दर ।
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