15 October, 2017

दोहे-

बिके झूठ सबसे अधिक, बहुत बुरी लत मोह।
मृत्यु अटल है इसलिए, कभी बाट मत जोह।।

चार दिनों की जिन्दगी, बिल्कुल स्वर्णिम स्वप्न।
स्वप्न टूटते ही लुटे, देह नेह धन रत्न।।

हिंसा-पत्नी जिद-बहन, मद-भाई भय-बाप।
निंदा माँ चुगली सुता, क्रोध-सुवन संताप।।


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