कूड़ा यहाँ कचड़ा वहाँ मत फेंकिए यूँ मार्ग पर।
उपयोग कूड़ेदान का नियमित करें हे मित्रवर।
दीवाल पथ पर पार्क में यूँ थूकना अच्छा नहीं
लघु-दीर्घ-शंका के लिए संडास हैं उपयोग कर।।
अब नोट पर दीवार पर ड्राइंग बनाना छोड़िए।
अपशब्द बकना छोड़िये, मत क्रोध में सिर फोड़िए।
बिजली बचे पानी बचे परिसर प्रदूषण मुक्त हो।
धरती बचाने हेतु, पॉलीथीन से मुँह मोड़िये ।
गुरु माँ पिता को कर नमन, आशीष नित लेते रहें।
प्रत्येक नारी को यथोचित मान भी देते रहें।
ट्रैफिक नियम अपनाइये, डोनेट-ब्लड भी कीजिये।
बीमार की करिये मदद, झट मार्ग रविकर दीजिए।।
बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (10-10-2017) को
ReplyDelete"थूकना अच्छा नहीं" चर्चामंच 2753
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सुन्दर सीख देती लाजवाब प्रस्तुति....
ReplyDeleteदुम सीधी कहाँ होती है
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