शिशु चार वर्षों का अगर, चड्ढी नहीं गीली करे।
यदि वृद्ध अस्सी साल का, पतलून ना पीली करे।
हो आठ वर्षों का बदन या हो पचहत्तर साल का।
यदि खुद ब खुद वह हाट से घर लौट कर नित आ सका।
तो व्यक्ति सचमुच में सफल है।
कल कल रहा था आज कल है।।
जो मित्र बारह में बनाये, याद सत्तर तक रहे।
दुख सुख हमेशा साथ बाँटे, सँग लगाये कहकहे।
सिगरेट दारू से युवा जब दूर अपने आप है।
पैसठ बरस में है निरोगी, कुछ नहीं सन्ताप है।।
तो व्यक्ति सचमुच में सफल है।
कल कल रहा था आज कल है।।
पच्चीस में होता युवा, यदि स्वयं पैरों पर खड़ा।
कर्तव्य सारे साठ में निपटा दिए तो वह बड़ा।
परिवार पैंतिस में बढ़ाया, धन कमाया नाम भी।
पच्चास का रविकर युवा, करता समाजिक काम भी।।
तो व्यक्ति सचमुच में सफल है।
कल कल रहा था आज कल है।।
क्या बात है। सटीक।
ReplyDelete