हम इश्क में मरते रहे, तुम दुश्मनी माना किये |
आसमाँ झुकता गया पर, शीश तुम ताना किये ||
ताकीद भी हम, दोस्तों की रख के आये ताक पर--
जिच्च थोड़ी थी, मगर हम आस में आना किये ||
तागपाटा साथ लेकर, हूँ यहीं तसदीक करले
नाजनीं नाजिर बना ले, जो नफ़र माना किये ||
नकफूल का न कर निरादर, इल्तिजा पर गौर करले
हुश्न कर रविकर हवाले , क्यूँ मुकर जाना किये |
दिग्दाह के मानिंद ये दिल-दाह देखो दिलरुबा
मानता सब शर्त रविकर व्यर्थ अपड़ाना किये ||
तसदीक = सत्यापन ताकीद = चेतावनी इल्तिजा = निवेदन तागपाट = विवाह का गहना
नफ़र = अनुचर नाजिर = देखभाल करने वाला
हम इश्क में मरते रहे, तुम दुश्मनी माना किये |
ReplyDeleteआसमाँ झुकता गया पर, शीश तुम ताना किये ||
....जब इश्क पर जोर नहीं चलता है तो यही होता है....
बहुत बढ़िया प्रस्तुति ..
शुभकामनायें !
सबसे बडा शुक्र है, जो आपने नीचे तीन शब्दों के अर्थ समझा दिये है।
ReplyDeletebadiya hai...
ReplyDeleteरविशंकर जी,
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत लिखा है आपने....
एक दो शब्दों के अर्थ और लिख दिए होते तो और अच्छा लगता पढते हुए....
बढ़िया प्रस्तुति ...
ReplyDeleteभाई रविकर जी मै तो पहली बार यहाँ आया और देखता , पढ़ता रहा गया , टिपण्णी बाद में :)
ReplyDeleteहम इश्क में मरते रहे, तुम दुश्मनी माना किये |
ReplyDeleteआसमाँ झुकता गया पर, शीश तुम ताना किये ||
बहुत जोरदार रविकर जी
बढ़िया प्रस्तुति ...
ReplyDeletearth samjhne ke bad...........ye hi kahege
ReplyDeletewaha bahut khub
हम इश्क में मरते रहे, तुम दुश्मनी माना किये |
ReplyDeleteआसमाँ झुकता गया पर, शीश तुम ताना किये ||
bahut badiya prastuti ........badhai
हुश्न कर "रविकर "हवाले क्यों मुकर जाना किए.यही तो सारी ज़द्दोज़हद है . कृपया यहाँ ज़रूर पधारें ,टिपियाएँ ,कृतार्थ करें .http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
ReplyDeleteसुंदर प्रस्तुति. आभार.
ReplyDeleteसादर,
डोरोथी.
ताग- पाटा का भी मतलब लिख दो भैया .
ReplyDeleteहम इश्क में मरते रहे, तुम दुश्मनी माना किये |
ReplyDeleteआसमाँ झुकता गया पर, शीश तुम ताना किये ||
गज़ब!
wah! bhaee ji
ReplyDeleteतागपाटा साथ लेकर, हूँ यहीं तसदीक करले
ReplyDeleteनाजनीं नाजिर बना ले, जो नफ़र माना किये ||
बेहतरीन गजल ...शुभकामनायें !!!
वाह बहुत खूब कहा है |
ReplyDeleteबधाई
आशा
रविशंकर जी शब्दों के अर्थ बताने के लिए शुक्रिया...
ReplyDeleteआज फिर एक बार और पढ़ा आपको..
कमाल की गहराई और खूबसूरती है आपकी रचनाओं में ....
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !