अच्छी बात कही है।सच्ची बात कही है।
बादल से बादल टकराए, ठनके से आफत आ जाए | पथर सा टकरा कर चकमक, कैसे दावानल भड़काए |bahut sundar aur saarthak panktiya.Badhai sweekaar kare.
रविकर जी आपका लिखा नित नूतन और सुन्दर लगता है .इस मर्तबा पहले से भी ज्यादा सटीक मिसायल हैं ये दोहे -बूमरांग से वार करतें हैं अपने लक्ष्य पर .
bahut khub kaha hai ravishankar jibahut khub kaha hai ravishankar ji
bhaut sunder...
रविकर जी ...सत्य वचन !!!बहुत खूब ...शुभकामनाएं !!!!
अच्छी बात कही है।
ReplyDeleteसच्ची बात कही है।
बादल से बादल टकराए, ठनके से आफत आ जाए | पथर सा टकरा कर चकमक, कैसे दावानल भड़काए |
ReplyDeletebahut sundar aur saarthak panktiya.
Badhai sweekaar kare.
रविकर जी आपका लिखा नित नूतन और सुन्दर लगता है .इस मर्तबा पहले से भी ज्यादा सटीक मिसायल हैं ये दोहे -बूमरांग से वार करतें हैं अपने लक्ष्य पर .
ReplyDeletebahut khub kaha hai ravishankar jibahut khub kaha hai ravishankar ji
ReplyDeletebhaut sunder...
ReplyDeleteरविकर जी ...सत्य वचन !!!बहुत खूब ...शुभकामनाएं !!!!
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