12 January, 2012

मचा बवंडर पाक में

मचा  बवंडर  पाक  में, रही दुर्दशा झाँक |
आधे जन जेहाद में, धूल अर्ध-जन फाँक |
धूल अर्ध-जन फाँक, बिगड़ते जाते हालत |
होय मिलिट्री रूल,  दीखती ऐसी नौबत |
Asif Ali zardari

जरदारी फिर भाग, आग से दुबई डरकर |
जनता अब तो जाग, थाम तू मचा बवंडर ||

संशोधन:
शादी में बाहर गए, आये बुद्धू आप |
लेकिन कुछ शातिर बड़े, लेते गर्दन नाप ||

17 comments:

  1. पाकिस्तान में तो सचमुच बड़ी अशांति फैली हुई है ..

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  2. क्या खूब कहा है ,वाह...!

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  3. wah!sir pak ki sthiti par satik prastuti

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  4. सार्थक व सटीक लिखा है आपने ...आभार ।

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  5. शानदार , खूब पहचाना आपने पाक को |

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  6. एक-एक लाइन कई-कई पैरों पर भारी।

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  7. बहुत खूब कहा है !

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  8. सत्य और सटीक अच्छी लगी प्रस्तुति

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  9. हालातों का सटीक चित्रण...

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  10. bahut khoob :)
    welcome to my blog.

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  11. Vaah Dinesh ji ... paakistaan ko bhi lapet liya aapne .... majedaar hain sabhi dohe ...

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