05 September, 2012

लो दीदी राजेश, बधाई देता रविकर -


ज्योतिपर्व पर दिख रहे,  हव्य हृदय उदगार ।
प्रथम काव्य संग्रह दरस, हर्षित हिंद अपार ।
हर्षित हिंद अपार, स्वागतम साधुवाद है ।
सफल विमोचन होय, सितम्बर आठ याद है ।
खंडूरी का स्नेह, समय आया है सुन्दर ।
लो दीदी राजेश,  बधाई देता रविकर ।।

11 comments:

  1. दिनेश रविकर भैया आपका अपास स्नेह और शुभकामनाएं प्राप्त हुई और क्या चाहिए हार्दिक आभार

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  2. राजेश दी को बधाई और शुभकामनाएँ !!

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  3. बहुत-बहुत बधाई सहित शुभकामनाएं

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  4. बधाई रविकर भाई ,बधाई कुमारी राजेश जी ......
    नारी शक्ति :भर लो झोली सम्पूरण से
    नारी शक्ति :भर लो झोली सम्पूरण से

    आधी दुनिया के लिए सम्पूरण -पूरी तरह स्वस्थ रहे आधी दुनिया इसके लिए ज़रूरी है देहयष्टि की बस थोड़ी ज्यादा निगरानी ,रखरखाव की ओर थोड़ा सा ध्यान और .बस पुष्टिकर तत्वों को नजर अंदाज़ न करें .सुखी स्वस्थ परिवार के लिए इन खुराकी सम्पूरकों पर थोड़ा गौर कर लें:


    रविकर फैजाबादी
    चुस्त धुरी परिवार की, पर सब कुछ मत वार |
    देहयष्टि का ध्यान कर, सेहत घर-संसार |
    सेहत घर-संसार, स्वस्थ जब खुद न होगी |
    सन्तति पति घरबार, भला हों कहाँ निरोगी ?
    संरचना मजबूत, हाजमा ठीक राखिये |
    सक्रिय रहे दिमाग, पदारथ सकल चाखिये ||

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  5. बधाई,
    शुभकामनाएं
    जो कहें,
    हम भी आ जाएं!

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  6. राजेश जी और ज्योतिपर्व प्रकाशन को ढेर सारी बधाइयाँ ....

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  7. रविकर ही नहीं हमको भी सरोकार है
    आने वाला सामने एक उपहार है
    मोतियाँ छाँट कर लाया है ज्योति पर्व
    माला गीतों की बनने को तैयार है !

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  8. पुस्तक प्रकाशन की हार्दिक बधाई................

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  9. आपके काव्यात्मक छंद अच्छे लगते हैं.आपकी किताब कब छपेगी.

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