18 November, 2012

पावन पादोदक पियो, प्रभु पदचिन्ह प्रभाव-

 कुंडलियाँ
पावन पादोदक पियो, प्रभु पदचिन्ह प्रभाव ।
प्रथम-पहर प्रचरण प्रचय, पावो प्रग्य सुभाव ।

पावो प्रग्य सुभाव, पारदर्शी दस गोले ।
आयत हैं द्विदेह, गंगधर बोले भोले ।

परजा शील उपाय, ज्ञान सह दशबल वंदन ।
दान वीर्य बल ध्यान, क्षमा प्राणिधि पी पावन ।।
प्रचरण=विचरण
द्विदेह=गणेश

सवैया-
सूखत स्रोत सरोवर नित्य, सहे मन-मीन महा बाधा ।
पैर पखारन हेतु मंगावत, भक्त पखाल भरा आधा ।
बर्तन एक मंगाय भरा, इक यग्य बड़ा रविकर नाधा ।
साइत आकर ठाढ़ भई पद चिन्ह बनाय गए पाधा ।।
पखाल=मसक
पाधा=उपाध्याय

5 comments:

  1. सुंदर अभिव्यक्ति..

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  2. खूब सूरत आनुप्रासिक छटा बिखेरता सवैया .

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  3. वाह .. बहुत ही बढिया।

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  4. सुंदर पद कमल पावन जल। चित्र भी बहुत प्यारा ।

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